बेरोजगारी एक अभिशाप पर निबंध | Essay on Unemployment a Curse in Hindi

Berojgari ek abhishap par nibandh

बेरोज़गारी शब्द किसी देश की अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का एक प्रमुख संकेतक है। इसका मतलब समझने के लिए बेरोज़गारी किसी भी देश के विकास में मुख्य व खास बाधाओं में से एक है। वर्तमान समय में भारत में बेरोज़गारी काफी गंभीर मुद्दा है। हमारे देश में शिक्षा का अभाव, रोज़गार के अवसरों की कमी और प्रदर्शन संबंधी समस्याएं कुछ ऐसे कारक हैं, जो बेरोज़गारी के कई कारणों में से एक हैं। हमारे देश में इस समस्या को खत्म करने के लिए देश की केन्द्र व राज्य सरकार को प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। भारत जैसे विकासशील देशों के सामने आने वाली मुख्य समस्याओं में से बेरोज़गारी भी एक कारण है। यह न केवल देश के आर्थिक विकास में खड़ी प्रमुख बाधाओं में से एक है, वरन् व्यक्तिगत और पूरे समाज पर भी एक साथ कई तरह के नकारात्मक प्रभाव डालती है। इस बेरोज़गारी के कारण न केवल व्यक्तियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि यह पूरे समाज को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है। वैसे तो कई कारक हैं जो बेरोज़गारी का कारण बनते हैं। बेरोज़गारी देश में एक मुख्य मुद्दा है जिसे हमें समझने की आवश्यकता है।

बेरोजगारी क्या है | What is Unemployment in Hindi

बेरोज़गारी जीवन के उस अवस्था को कहा जाता है जब देश में कार्य करने वाले युवा / व्यक्ति अधिक होते हैं तथा वह प्रचलित मजदूरी दर पर काम करने के योग्य व इच्छुक होते हैं या कुछ भी काम करने के लिए मजबूर हो जाते हैं, परंतु फिर भी उन्हें अच्छा कार्य नहीं मिलता है। दूसरे शब्दों में यू कहे की मानसिक एवं शारीरिक रूप से काम करने के योग्य व इच्छुक व्यक्तियों को प्रचलित मजदूरी दर पर रोज़गार ना मिलना ही बेरोज़गारी है। बेरोज़गारी को नियंत्रित करना भी कुछ हद तक हमारे हाथ में ही है।

बेरोजगारी क्यों होती है | Why is Unemployment in Hindi

बेरोज़गारी के वैसे तो कई कारण है जो कि रोजगार को प्रभावित करते हैं। बेरोज़गारी को उत्तपत्र करने वाले कारकों में से यह कुछ निम्न हैं।

बढती जनसँख्या

भारत में आज की जनसंख्या वर्तमान में तकरीबन 136.64 करोड थी, जो कि काफी तेजी से बढ़ रही है। बढ़ती जनसंख्या के कारण देश में बेरोजगारी काफी तेजी से बढ़ रही है।

पिछडी हुई कृषि

भारत में आज के समय में कृषि के क्षेत्र में बहुत सारी समस्याएँ हैं, जिस वजह से भी यह देश में बढती बेरोज़गारी का एक कारण है।

शिक्षा का स्तर

आजकल हमारे देश में शिक्षा का स्तर इतना गिर चुका है, कि आज बच्चों के लिए टूशन एक अनिवार्य फैशन बन चुका है। आलम यह हो गया है कि privatization के कारण शिक्षा का बाज़ारीकरण कर दिया गया है। लोग केवल डिग्री लेने के लिए ही एडमिशन लेते हैं। सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।

रोजगार की कमी –

हमारे देश में रोजगार की कमी तो पहले से ही थी। लेकिन धीरे-धीरे रोजगार के अवसर बढ़ने की बजाये उसमे कमी की जा रही है। सरकारी नौकरियां धीरे-धीरे ख़त्म हो रहीं हैं। जो भी प्राइवेट जॉब हैं या तो आम लोगों की पहुँच से दूर हैं या फिर किसी बड़े शहर में हैं। जहाँ आम आदमी उसकी आमदनी से सर्वाइव नहीं कर सकता है।

भ्रस्टाचार –

नौकरियों में भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ गया है कि आये दिन परचा लीक होने का मामला सामने आता ही रहता है। कोई भी सरकारी जॉब आने के पहले ही दलाल लोग उस नौकरी के करवाने की कीमत मांगना शुरू कर देते हैं। और आम आदमी उसकी पहुँच से दूर हो जाता है।

कौशल विकाश की कमी –

जैसा कि मैंने बताया कि कौशल विकाश कार्यक्रम केवल खानापूर्ति के लिए ही चलाये जाते हैं। सही टेक्निकल एजुकेशन की कमी के कारन रोजगार नहीं मिल पाता।

बेरोजगारी के परिणाम | Result of Unemployment in Hindi

जिस प्रकार देश में बेरोज़गारी की वजह से गंभीर सामाजिक-आर्थिक मुद्दे हो रहे हैं। इससे न केवल एक व्यक्ति बल्कि इससे पूरा समाज प्रभावित होता है और वर्तमान में हो भी रहा है। आगे आपको बेरोज़गारी के परिणामों के बारे में बताया गया है जो की एक गंभीर मुद्दा है।

गरीबी में वृद्धि:

यह कहना बिलकुल सही है कि बेरोज़गारी दर में वृद्धि से ही हमारे देश में गरीबी की दर में वृद्धि हुई है। देश के आर्थिक विकास को बाधित करने के लिए बेरोज़गारी एक मुख्य कारण है।

अपराध दर में वृद्धि:

बेरोज़गारी से ही देश मे अपराधों में वृद्धि हो रही है जैसे चोरी, डकैती इसके अलावा भी कई व्यवहारिक घटनाओं का यह कारण है।

श्रम का शोषण:

आमतौर पर देखा जाता है की कई जगह कामों मे श्रम पर कार्मिको को शोषण करते है जैसे कई जगह ठेकेदार पद्धति इत्यादि। कई जगह ऐसे देखा जाता है ही कई छोटे श्रमों में कार्मिको के साथ मानसिक शौषण होता है।

राजनैतिक अस्थिरता:

कहा जाता है की देश में नागरिकों को समानता का अधिकार दिया जाता है परन्तु यह कहना गलत नही होगा की देश मे बेरोज़गारी व गरीबी के कारण राजनैतिक अस्थिरता आती है।

मानसिक स्वास्थ्य:

बेरोज़गारी से लोगो को मानसिक बीमारी का भी सामना करना पडता है जो की एक घातक परिणाम शाबित हो सकता है।

कौशल का नुकसान:

एक विशेष कौशल वाले नागरिकों को भी बेरोज़गारी के कारण नुकसान होता है, इससे उसके कौशल को भी नुकसान होता है।

बेरोजगारी एक अभिशाप | Unemployment a Curse in Hindi

बेरोज़गारी किसी भी देश या समाज के लिए आज के समय में एक अभिशाप है। बेरोज़गारी से निर्धनता भुखमरी तथा मानसिक अशांति फैलती है तो दूसरी ओर इससे युवाओं में आक्रोश तथा अनुशासनहीनता भी बढ़ती है। बेरोज़गारी से चोरी, डकैती, हिंसा, अपराध एवं आत्महत्या अधिक समस्याओं का एक मूल कारण है। बेरोज़गारी बडा भयंकर विष हैं। बेरोज़गारी को हम समाज के लिए नासूर के रूप में भी देख सकते है।

बेरोजगारी के निवारण के उपाय | Unemployment Prevention Measures in Hindi

बेरोज़गारी के निवारण के लिए भी हमे कई कार्य करने चाहिए जो की निम्न है –

  • जनसंख्या पर नियंत्रण – जनसंख्या पर नियंत्रण करने से ही रोज़गार के अवसर जो कि सीमित है, उनका उपयोग किया जा सके।
  • शिक्षा प्रणाली मे परिवर्तन – शिक्षा में परिवर्तन व नई शिक्षा पद्धति से की बेरोज़गारी की कमी का कारण बनेगी।
  • कुटीर उद्योग क्षेत्रों मे विकास – देश और राज्य में छोटे व कुटीर उद्योगों का विकास करना भी आवश्यक है।
  • औद्योगिकरण – शहरों में नए औद्योगिकरण की भी आवश्यकता है जो कि बेरोज़गारी को कम कर सकते है।
  • सहकारी खेती 
  • उद्योगो का विकास
  • समान रोजगार के अवसर

हमारे देश में बेरोज़गारी जीवन के उस अवस्था को कहा जाता है जब यहां देश में कार्य करने वाले युवा / व्यक्ति अधिक होते हैं तथा वह प्रचलित मजदूरी दर पर काम करने के योग्य व इच्छुक होते हैं या कुछ भी काम करने के लिए मजबूर हो जाते है जैसे दिहाड़ी करना इतियादी, परंतु फिर भी उन्हें अच्छा कार्य नहीं मिलता दूसरे शब्दों में यू कहे की मानसिक एवं शारीरिक रूप से काम करने के योग्य व इच्छुक व्यक्तियों को प्रचलित मजदूरी दर पर रोज़गार ना मिलना ही बेरोज़गारी है।

उपंसहार

बेरोज़गारी हमारे समाज में विभिन्न समस्याओं का मूल कारण है। हालांकि हमारे देश व राज्य की सरकार ने इस समस्या को कम करने के लिए पहले से ही कई पहल की है लेकिन उठाये गये उपाय पर्याप्त प्रभावी साबित नहीं हैं। इस समस्या के कारण विभिन्न कारकों को प्रभावी और एकीकृत समाधान देखने के लिए अच्छी तरह से उनका अध्ययन किया जाना चाहिए। यह समय है कि देश की सरकार को इस मामले की संवेदनशीलता को पहचानना चाहिए और इस मामले पर काम करने के लिए कुछ गंभीर कदम उठाने चाहिए।

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