बवासीर का घरेलू उपचार | Home Remedies of Piles in Hindi

Bavaseer ka Ilaj Hindi me

असीमित दिनचर्या और लोगों को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान ना देने के कारण अनेकों प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बवासीर यानि कि पाइल्स भी एक गंभीर समस्याओं में से एक है। इसके मरीजों को काफी ज्यादा दर्द और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि हम इसे शुरुआती समय में पहचाने और इसके आवश्यक घरेलू उपचार को करना शुरू कर दें तो इसे नियंत्रित करने के साथ-साथ जड़ से खत्म भी किया जा सकता है। आज के इस लेख में हम आप सभी लोगों को बवासीर क्या है और बवासीर के घरेलू उपाय क्या हैं? हम इस विषय पर विस्तार से जानकारी प्रदान करने वाले हैं और यदि आप भी इस परेशानी से पीड़ित हैं तथा इसका एक सटीक घरेलू उपचार जाना चाहते हैं, तो इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें।

बवासीर की बीमारी क्या है? | Piles disease in Hindi

बवासीर को पाइल्स के नाम से भी जानते हैं। यह बीमारी अपने रोगियों को बहुत ही ज्यादा दर्द और तकलीफ देने वाली बीमारी है। इस बीमारी में गुदा के अंदर और बाहर एवं मलाशय के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है और इसकी वजह से गुदा के अंदर और बाहर या किसी अन्य जगह पर बवासीर के मस्से धीरे-धीरे बनने लगते हैं। इस परिस्थिति में मस्से कभी अंदर और बाहर आ जाते हैं, जिसकी वजह से मरीज को काफी ज्यादा असहनीय दर्द होने लगता है। लगभग 50% से 60% लोग बाबासीर की बीमारी से किसी ना किसी उम्र के पड़ाव पर अक्सर ग्रसित हो ही जाते हैं। सही समय पर अगर बाबासीर के लक्षण का पता चल जाए (symptoms of piles disease), तो इसका इलाज करवाना बेहद आवश्यक होता है, अन्यथा यह रोगियों को अत्यधिक समस्या दे सकता है।

बवासीर बीमारी के प्रकार | Types of hemorrhoids disease

बवासीर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं और उनका वर्णन निम्नलिखित है।

  • खूनी बाबासीर | Bloody piles in hindi

खूनी बवासीर होने पर रोगियों को किसी भी प्रकार की असहनीय पीड़ा नहीं होती है। इस बीमारी में मल त्याग करते वक्त रोगियों को खून आने की समस्या होती है और गुदा के अंदर मस्से हो जाते हैं। मल त्याग करते वक्त खून मल के साथ थोड़ी-थोड़ी मात्रा में टपकता रहता है या फिर पिचकारी के रूप में भी खून निकलने की समस्या रोगियों को होती है। मल त्याग करते वक्त अपने आप ही मस्से बाहर आ जाते हैं। गंभीर परिस्थिति में यह हाथ से दबाने पर भी अंदर नहीं जाते हैं। ऐसी परिस्थिति दिखाई देने पर तुरंत ही इसका प्राथमिक उपचार कराएं अन्यथा आपको अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना इस रोग की वजह से करना पड़ सकता है।

  • बादी बवासीर | Badi piles in Hindi

बादी बवासीर होने की समस्या में रोगियों की सबसे ज्यादा पेट से जुड़ी हुई समस्याएं होती है। इस प्रकार के बाबासीर में कब्ज एवं गैस जैसी समस्याएं रोगियों को निरंतर रूप से परेशान करती रहती हैं। बादी बवासीर के मस्से में रक्तस्राव नहीं होता है। इस प्रकार के बवासीर में मस्से आसानी से बाहर देखे जाते हैं और इसमें बार-बार खुजली एवं जलन की समस्याएं रोगियों को देखने को मिलती है। बादी बवासीर शुरुआती समय में तकलीफ नहीं देता, परंतु लगातार और असंतुलित खानपान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इस परिस्थिति में खून जमा हो जाता है और सूजन होने की समस्या बढ़ने लगती है। जब यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है, इसमें भी रोगियों को असहनीय पीड़ा होती है और वह दर्द से मछली की तरह तड़पने लगते हैं। मल त्याग करते वक्त एवं उसके बाद भी रोगियों को इस बीमारी से जुड़ा हुआ दर्द निरंतर रूप से बना रहता है। जिसकी वजह से रोगी सुचारु रूप से चल फिर नहीं पाता है और बैठने में भी तकलीफ महसूस होती है। समय पर इलाज कराने पर यह समस्या शीघ्र ही ठीक हो जाती है।

बवासीर के लक्षण क्या हो सकते हैं | Symptoms of Piles in Hindi

कई बार बवासीर यदि गंभीर अवस्था में नहीं होता है, तो इसे आसानी से चार-पांच दिनों के अंदर ही सही किया जा सकता है। मगर इलाज में देरी करने से ये रोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है, इसलिए इसके मर्ज को समझ कर इसका तुरंत ही प्राथमिक उपचार शुरू कर देना चाहिए। चलिए अब जानते हैं, कि बाबासीर के कौन-कौन से लक्षण होने पर दिखाई देते हैं?

  • गुदा के आसपास कठोर गाँठ महसूस होना और इस में दर्द रहना एवं रक्तस्राव होना।
  • शौच करने के पश्चात भी पेट साफ ना महसूस होना।
  • मल त्याग करते समय जलन महसूस होना और साथ ही में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रक्त स्राव होना।
  • मल त्याग करते वक्त असहनीय पीड़ा महसूस होना।
  • गुदा के आसपास में खुजली एवं लालीपन के साथ-साथ सूजन रहना।
  • बार-बार मल त्यागने की आवश्यकता महसूस होना, परंतु मल त्यागने के दौरान मल का बाहर न निकलना।

ध्यान दें :-

इन सभी छोटे-छोटे दिखाई देने वाले लक्षण को नजरअंदाज ना करें और तुरंत ही चिकित्सक से सलाह लें और प्राथमिक उपचार शुरू करें।

बवासीर का घरेलू इलाज | Home remedies for piles in Hindi

अगर आप बवासीर की समस्या से जूझ रहे हैं और उसका कोई घरेलू उपचार तलाश कर रहे हैं, तो नीचे इस विषय पर जानकारी को ध्यानपूर्वक से पढ़ें।

  • एलोवेरा का करें इस्तेमाल :-

    एलोवेरा बाबासीर के रोग में सूजन को कम करने के साथ-साथ बवासीर की जलन को भी नियंत्रण करने में लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त कब्ज की समस्या को दूर करने में भी एलोवेरा काफी सहायक होता है। एलोवेरा आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार के बवासीर को ठीक करने में लाभकारी होता है। गुदा के बाहर के मस्सों में एलोवेरा जेल को लगाएं और इससे आपको जलन एवं दर्द की समस्या से निजात मिल सकती है। प्रतिदिन 200 से 250 ग्राम तक एलोवेरा के पौधे को खाएं और यह प्रक्रिया नियमित रूप से करें इससे कब्ज एवं अन्य समस्या खत्म की जा सकती है।

  • सेब के सिरके का सेवन :-

    खूनी बवासीर होने पर सेब के सिरके का सेवन करना चाहिए और इसे एक चम्मच पानी के साथ नियमित रूप से लें। बादी बवासीर की समस्या में सेब के सिरके में रुई भीगा कर गुदा में रखें।

  • हल्दी का लेप लगाएं :-

    अगर आप बाबासीर के घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार की तलाश कर रहे हैं, तो आप हल्दी को कड़वी तोरई के रस में डाले और इसका एक लेप तैयार करें। अब इस लेप को आपको अपने मस्सों पर लगाना है और यह बवासीर के मस्से को नष्ट करने में काफी लाभकारी होता है। अगर इस प्रक्रिया में आप कोई भी नीम या किसी अन्य कड़वे तेल का इस्तेमाल करके हल्दी का लेप तैयार करें, तो इससे भी बवासीर को खत्म किया जा सकता है और इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है।

  • नीम का तेल :-

    नीम के तेल को आप बवासीर के मस्सों पर लगाएं और साथ ही में प्रतिदिन 4 से 7 बूंद इसे पानी में भी डाल कर आप इसका सेवन करें। इस आयुर्वेदिक प्रक्रिया के माध्यम से भी बवासीर जैसी गंभीर बीमारी से निजात पाया जा सकता है।

  • नारियल का करें इस्तेमाल :-

    नारियल की जो जटाएँ होती हैं, उन्हें आप को जलाकर राख या भस्म तैयार कर लेना है। इसे ताजा दूध के मट्ठे में मिलाकर प्रातः सेवन करें। इस प्रक्रिया के जरिए भी बवासीर की समस्या को खत्म किया जा सकता है।

  • नींबू के रस का करें सेवन :-

    नींबू के रस में अदरक और शहद मिलाकर सेवन करें और इस घरेलू नुक्से से भी आपको बाबासीर की बीमारी से राहत मिल सकता है।

नोट:-

कोई भी घरेलू नुस्खा अपनाने से पहले चिकित्सक या वैद्य की सलाह जरूर ले लें।

निष्कर्ष :-

आज के इस लेख में हमने आप सभी लोगों को बाबासीर क्या है और बवासीर का घरेलू उपाय क्या है? इस विषय पर विस्तार पूर्वक से जानकारी दी है। यदि आपको या लेख अच्छा लगा हो तो इसे आप अपने मित्र और परिजन के साथ साझा करें, इस लेख से संबंधित कोई सवाल या फिर सुझाव तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।

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