Comfort Zone क्या है? Comfort Zone से बाहर कैसे निकलें?

Comfort zone

दोस्तों आइये आज हम जानते हैं कि comfort zone क्या होता है? कम्फर्ट जोन का मतलब है आराम क्षेत्र , यानी आप जो भी कर रहे हैं उसमे आप कंफर्ट हैं। जिस भी जगह आप अपने आप को बहुत ही ज्यादा कम्फर्टेबले महशूस करते हो, आपने अपना एक दायरा कायम कर लिया है और इस दायरे में अपने आप को आप महफूज़ समझते हैं। इसी की वजह से आप अपने आप को उस दायरे से बाहर नहीं निकाल पाते हैं। जिसके कारण हम भविष्य में होने वाली ग्रोथ को नहीं पाते हैं। हमेशा हमें इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं कुछ उल्टा न हो जाये, यही डर हमेशा सताता रहता है। इस वजह से Life में नये experience को हमेशा के लिए miss कर जाते हैं और अपनी future growth को miss कर जाते हैं।

Comfort Zone से बाहर कैसे निकलें?

दोस्तों अगर हमें अपनी लाइफ में कुछ अच्छा करना है तो हमें अपना कम्फर्ट जोन छोड़ना पड़ेगा। हमारे अन्दर कोई न कोई डर बना रहता है, ये डर कई प्रकार के होते हैं –

Fear of Unknown:

सबसे पहले आप उस चीज के बारे में knowledge प्राप्त करो और अपनी skills develop करो। तब आपके अंदर से डर निकल जायेगा और आप उस नये कार्य को आसानी से कर सकेंगे। बहुत से लोग तो opposite gender से बात करने में भी घबराते हैं। जैसे कोई लड़का किसी लड़की से या कोई लड़की किसी लड़के से बात करने में बहुत घबराते हैं। इस प्रकार का डर भी मन से हटाना पड़ेगा।

अजनवी लोगों से बात करना:

कुछ लोगों को अनजान या अजनबी लोगों से बात करने में बहुत हिचकिचाहट होती है। उनके अन्दर एक डर सा बना रहता है। अत: वो नये लोगों के सामने आने में भी घबराते हैं। इसे दूर करने के लिए आप जितना ज्यादा हो सके अजनवी लोगों से बातें करें इससे आपकी skills development के साथ साथ नए फ्रेंड्स भी बनेंगे।

Fear of Sales:

कुछ लोगों को सेल्स से बहुत घबराते हैं क्योंकि उन्हें rejection का डर सताता रहता है। वो किसी के पास जाने से पहले ही decision ले लेते हैं कि सामने वाला व्यक्ति उनका सामान नहीं लेगा। और बिना प्रयास के ही वापस आ जाते हैं जिससे उनका ही नुकसान होता है। क्योंकि सामने वाले की जरुरत को पूछे बिना आपको कैसे पता चलेगा की वो वह वस्तु लेगा या नहीं। अत: सेल्स में रिजेक्शन से कभी घबराना नहीं चाहिए।

Fear of Challenges:

कहते हैं लाइफ में अगर चैलेंजेज न हो तो इंशान की जिन्दगी नीरस हो जाती है। Challenges व्यक्ति को आगे बढ़ना सिखाते हैं। और व्यक्ति को strong बनाते हैं। इसलिए नए चैलेंजेज का सामना करना चाहिए और इससे कभी घबराना नहीं चाहिए।

Fear of Distance:

बड़ा goal देखकर कभी घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसे कई छोटे छोटे goals में divide करके कार्य करना चाहिए। जिससे आपका काम आसानी से हो जाता है। जैसे आपकी आदत रोज सुबह 9:00 बजे उठने की है और आप चाहें की कल से आप 6:00 बजे सुबह उठने लगेंगे तो आपको दिक्कत होगी और आप नहीं उठ पाएंगे। वहीं आप इसे 15 – 15 मिनट पहले उठने के goal बनाएंगे तो 10 – 15 दिनों बाद आप आराम से 6:00 बजे सुबह उठने लगेंगे। और आपको कोई परेशानी भी नहीं होगी।

Summary:

अगर आप कम्फर्ट जोन से बाहर निकल जाते हैं तो दुनिया की ऐसी कोई भी चीज नहीं है जिसे आप हासिल नहीं कर सकते हो। आप समाज में इज्जत , दौलत , सोहरत ये सब प्राप्त कर सकते हैं। Comfort Zone से छूटकारा पाने के लिए थोड़ा सा Uncomfortable होना पड़ता है, और अगर आप ये सीख गए तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।

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