कौन हैं यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य | Deputy CM of UP Keshav Prasad Maurya

Keshav Prasad Maurya Biography in Hindi

दोस्तों, हमारा देश भारत एक प्रजातान्त्रिक देश है जिसमे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रजा का ही शासन चलता है। जनता ही सरकार है, जनता ही शासक है। आम बोलचाल की भाषा में कहें तो, जो किसी काम की अगुआई करे वो नेता हो जाता है और जो जनता के दिलों में बस जाये, जो हमेशा जनता की भलाई के लिए काम करे और जिसे जनता अपने सर आँखों पर बिठा ले वो जननेता हो जाता है।

आज के इस लेख में हम ऐसे ही एक नेता नहीं बल्कि जननेता की बात कर रहे हैं जिसने अपने सही दृष्टिकोण, सकारात्मक सोच तथा अपने देश – प्रदेश के लिए काम करने के जज्बे की बदौलत बहुत ही कम समय में ख्याति प्राप्त कर ली और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में चौदह वर्ष से वनवास काट रही भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाकर भारतीय राजनीति में मुकाम हासिल कर एक फायरब्रांड नेता बन गए हैं। जी हाँ दोस्तों हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के वर्तमान उपमुख्यमंत्री माननीय श्री केशव प्रसाद मौर्य जी की, जो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए एक बड़ा चेहरा भी हैं।

केशव प्रसाद मौर्य का जीवन परिचय

केशव प्रसाद मौर्य जी का जन्म 7 मई 1969 को कौशाम्बी जनपद के सिराथू में एक निर्धन किसान परिवार में हुआ था, उनका बचपन बहुत ही कठिनाइयों, संघर्षमय तथा गरीबी की अवस्था में बीता है। अपने जीवन में आगे बढ़ते हुए उन्होंने हर संघर्षों का सामना किया है, अपने पिता के साथ कृषि का कार्य हो या जीविकोपार्जन के लिए समाचार पत्र का वितरण करना और तो और उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तरह चाय बेचने का भी काम किया है। कहते हैं कि सोने को खरा होने के लिए बहुत ही तपना पड़ता है, ठीक उसी तरह केशव जी के जीवन संघर्षों ने उनको तपाकर एक बहुत ही खरा, जुझारू और संघर्षशील Leader बना दिया है।

राजनैतिक जीवन | Political Life

Keshav Prasad Maurya जी का राजनैतिक करियर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़ने के बाद शुरू हुआ और एक के बाद एक बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद् तथा भारतीय जनता पार्टी के अनेक पदों तथा दायित्वों का अच्छे तरीके से निर्वहन किया। केशव जी ने हिन्दू संगठनो के अनेक दायित्वों का निर्वहन करने के साथ-साथ गौ रक्षा, श्री राम जन्मभूमि तथा हिन्दू हितों के लिए भी कई सारे आंदोलन किये जिसके कारण उनको जेल भी जाना पड़ा, इनकी छवि शुरू से ही संघर्षशील व्यक्ति की रही है।

उत्तर प्रदेश की राजनीती में भूचाल लाने वाले लगभग 55 साल के केशव प्रसाद मौर्य वर्तमान समय उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं। इसके पहले ये फूलपुर सीट से सांसद थे। ये वही फूलपुर संसदीय सीट है जहाँ से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 3 बार जीत हासिल की थी और यहीं से पूर्वांचल के अतीक अहमद जैसे बाहुबली नेता भी सांसद हो चुके हैं लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मो. कैफ को 3 लाख से भी अधिक वोटों से पराजित कर फूलपुर संसदीय क्षेत्र में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) का परचम लहराया।

केशव प्रसाद मौर्य का इतिहास | History About Keshav Prasad Maurya

राजनैतिक कैरियर के शुरआती दिनों में केशव प्रसाद मौर्य 18 साल तक विश्व हिन्दू परिषद् के प्रचारक रहे। वर्ष 2002 में प्रयागराज शहर के पश्चिमी विधान सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सीट से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया, चुनाव लड़े और बहुजन समाज पार्टी के राजू पाल के हाथों हार का सामना करना पड़ा। केशव जी के हार का सिलसिला यही नहीं थमा, वर्ष 2007 में एक बार फिर इसी विधान सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और दुबारा हार का सामना करना पड़ा। लेकिन दुबारा वर्ष 2012 में इन्होंने सिराथू विधान सभा सीट से भारी मतों से जीत हांसिल की। दो साल तक विधायक रहने के बाद वर्ष 2014 में फूलपुर संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर तीन लाख से भी अधिक वोटों से ऐतिहासिक जीत हासिल की और इतिहास बना डाला।

आज केशव प्रसाद मौर्य नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है, इस नाम के आगे अच्छे-अच्छे नामी-गिरामी नेताओं के नाम छोटे लगने लगे हैं। यह कहना कोइ अतिशयोक्ति नहीं होगा कि जिस तरह से नरेंद्र मोदी जी ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाई थी, ठीक उसी क्रम में केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराया है

इस देशभक्त और युवा जननेता के लिए रामप्रसाद बिस्मिल की कही दो पंकितयां याद आ रही हैं –

“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमान।
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है, खैंच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद।
आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
है लिये हथियार दुशमन ताक में बैठा उधर, और हम तैयार हैं सीना लिये अपना इधर।
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है॥”

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