रेखा गुप्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक प्रमुख नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं। फरवरी 2025 में उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री चुना गया, जिससे वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनीं। रेखा गुप्ता लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रही हैं और भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़ी रही हैं। उनके नेतृत्व कौशल और मेहनत के कारण भाजपा ने उन्हें दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी। उनकी राजनीतिक यात्रा छात्र राजनीति से शुरू होकर दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने तक का एक प्रेरणादायक सफर है।
व्यक्तिगत जीवन (Rekha Gupta Family in Hindi)
जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि
रेखा गुप्ता का जन्म 19 जुलाई 1974 को हरियाणा के जुलाना में हुआ था। उनके पिता, जयभगवान, बैंक ऑफ इंडिया में प्रबंधक थे। नौकरी की वजह से उनका परिवार दिल्ली आकर बस गया, जहां रेखा गुप्ता का बचपन बीता। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि सामान्य मध्यमवर्गीय थी, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से राजनीति में एक उच्च स्थान प्राप्त किया।
परिवार (Family)
रेखा गुप्ता के पति का नाम मनीष गुप्ता है, जो एक सफल व्यवसायी हैं। इसके अलावा, रेखा और मनीष के दो बच्चे हैं।
- बेटी का नाम हर्षिता गुप्ता है।
- बेटे का नाम निकुंज गुप्ता है।
उनका परिवार राजनीति और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहता है।
शिक्षा (Rekha Gupta Education)
रेखा गुप्ता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में ही प्राप्त की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से वाणिज्य (B.Com) में स्नातक किया। इसके बाद, 2022 में उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एलएलबी (LLB) की डिग्री हासिल की। कानून की पढ़ाई करने के पीछे उनका उद्देश्य समाज में न्याय और सुशासन को बढ़ावा देना था।
इसके अलावा, उन्होंने एमबीए की पढ़ाई भी की, जिससे उनकी प्रबंधन और प्रशासनिक क्षमता को और मजबूती मिली। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि ने उन्हें राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरने में मदद की।
राजनीतिक करियर (Rekha Gupta Ki Jivani)
1. छात्र राजनीति से शुरुआत
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर कॉलेज के दिनों में शुरू हुआ। 1992 में, उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर छात्र राजनीति में प्रवेश किया। उनका नेतृत्व कौशल और मजबूत विचारधारा के कारण, उन्हें जल्द ही छात्र संघ में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ मिलने लगीं।
- 1995-96 में, वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की सचिव बनीं।
- 1996-97 में, वह DUSU की अध्यक्ष चुनी गईं।
छात्र राजनीति में उनकी सक्रियता और सफलता ने उन्हें मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश करने का मार्ग प्रशस्त किया।
2. स्थानीय राजनीति में कदम
DUSU अध्यक्ष बनने के बाद, रेखा गुप्ता ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ गईं।
- 2007 में, वह उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं।
- 2010 में, उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य बनाया गया।
- 2022 में, उन्हें दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर पद के लिए भाजपा ने उम्मीदवार बनाया।
उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक अनुभव को देखते हुए भाजपा ने उन्हें 2023 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया।
3. विधायक से मुख्यमंत्री तक का सफर
- 2023 में, रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत दर्ज की।
- 2025 में, भाजपा विधायक दल की बैठक में उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री चुना गया।
इस प्रकार, उन्होंने छात्र राजनीति से लेकर दिल्ली की सबसे ऊंची प्रशासनिक कुर्सी तक का सफर तय किया।
मुख्यमंत्री बनने के बाद (Chief Minister of Delhi Rekha Gupta in Hindi)
फरवरी 2025 में मुख्यमंत्री बनने के बाद, रेखा गुप्ता ने दिल्ली के विकास के लिए कई नई योजनाएँ शुरू कीं। उनकी प्राथमिकताएँ निम्नलिखित थीं:
- महिलाओं की सुरक्षा: महिला सुरक्षा को लेकर नई योजनाएँ बनाई गईं और महिला हेल्पलाइन को और मजबूत किया गया।
- शिक्षा सुधार: सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए नई पहलें शुरू की गईं।
- स्वच्छ दिल्ली अभियान: प्रदूषण और सफाई को लेकर सख्त नियम लागू किए गए।
- युवाओं के लिए रोजगार: दिल्ली में स्टार्टअप्स और नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएँ बनाई गईं।
उनकी कार्यशैली और निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध (Rekha Gupta RSS)
रेखा गुप्ता लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी रही हैं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के माध्यम से राजनीति में प्रवेश किया, जो कि RSS की छात्र शाखा है। उनके राजनीतिक विचार और नीतियाँ संघ की विचारधारा से प्रेरित रही हैं।
RSS की विचारधारा से प्रभावित होने के कारण, उन्होंने राष्ट्रवाद, संस्कृति और शिक्षा सुधार को अपनी राजनीति का केंद्र बनाया।
निष्कर्ष
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर संघर्ष, मेहनत और समर्पण का परिणाम है। एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से आने के बावजूद, उन्होंने अपनी शिक्षा और नेतृत्व क्षमता के बल पर राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल किया।
- छात्र राजनीति से शुरू कर,
- स्थानीय निकायों में सक्रिय रहकर,
- विधायक और फिर मुख्यमंत्री बनने तक,
उनका सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में, वह एक मजबूत नेतृत्व प्रदान कर रही हैं और दिल्ली के विकास के लिए नई नीतियाँ बना रही हैं। उनकी राजनीति में सक्रियता, ईमानदारी और मेहनत उन्हें दिल्ली की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बनाती है।