दाखिल ख़ारिज को अगर सामान्य भाषा में समझा जाय तो यह एक सरकारी प्रक्रिया है जिसमें कृषि सम्बन्धी जमीन का मालिकाना हक़ परिवर्तित होता है। जब कोई भी किसान अपनी जमीन का कुछ हिस्सा या सम्पूर्ण हिस्सा किसी दूसरे को बेच देता है या दान कर देता है या इनाम में दे देता है, तो इसके बाद जिस व्यक्ति को दिया गया है तो सरकारी लैंड रिकॉर्ड में उस व्यक्ति का नाम डाल दिया जाता है।
जब भूमि को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित किया जाता है, तो उस समय में दाखिल ख़ारिज की जरुरत होती है। जिसके अन्तर्गत भूमि का मालिकाना हक़ नये व्यक्ति को स्थानांतरित कर दिया जाता है। दाखिल ख़ारिज के बाद जमीन का कर (TAX) नए भू-स्वामी द्वारा भरा जाता है।
दाखिल ख़ारिज का आवेदन कैसे करें?
दाखिल ख़ारिज के आवेदन करने का पहले एक ही तरीका था, मैन्युअल। परन्तु अब उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग ने इसकी ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दाखिल ख़ारिज आवेदन का मैन्युअल तरीका
दाखिल ख़ारिज करवाने के लिए आपको अपने तहसील में आवेदन करना होता है। आवेदन में जमीन के क्रेता और विक्रेता का पूर्ण विवरण देना पड़ता है, जैसे कि जमीन का रकबा, चौहद्दी, क्षेत्रफल इत्यादि। इस कार्य के लिए सम्भवतः किसी वकील की जरुरत पड़ती है या अगर आपको पता है तो आप स्वयं भी कर सकते हैं। इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज की भी जरूरत पड़ सकती है, जैसे कि –
* रजिस्ट्री की हुई जमीन (Sale Deed) की छायाप्रति
* दाखिल ख़ारिज आवेदन की कोर्ट फीस स्टाम्प के साथ
* प्रॉपर्टी टैक्स भरने की वर्तमान रसीद इत्यादि।
सामान्यतः अगर जमीन विवादित नहीं है तो 18 कार्यदिवस में दाखिल – ख़ारिज करने का प्रावधान है। परन्तु अगर जमीन विवादित है तो सरकारी टीम की जाँच के उपरांत 30 से 60 कार्य-दिवस के भीतर दाखिल-ख़ारिज किया जाता है। परन्तु कुछ परिस्थितियों में अधिक समय भी लग सकता है।
दाखिल ख़ारिज का ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग ने दाखिल ख़ारिज की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दिया है। अब हम लोगों को इसके लिए कचहरी का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जमीन लेने के बाद दाखिल-ख़ारिज के नाम पर अब किसी को दौड़ाया नहीं जा सकेगा। जमीन लेने वाला अब स्वयं दाखिल-ख़ारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा। राजस्व परिषद ने इसके लिए नई व्यवस्था की शुरुवात की है।
इस व्यवस्था के अंतर्गत मौजूदा ऑनलाइन नामांतरण बाद दाखिल-ख़ारिज की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इसके लिए निबंधन कार्यालय व सम्बंधित पीठासीन अधिकारी के न्यायालय को लिंक किया गया है। इस नई प्रक्रिया में निबंधन कार्यालय द्वारा रजिस्ट्री के समय ही सम्बंधित पक्षों में नामांतरण, दाखिल-ख़ारिज के लिए रजिस्ट्री व प्रार्थना पत्र आर.सी.सी.एम.एस. प्रणाली पर अग्रसित करने पर स्वतः नामांतरण वाद दायर हो जाएगा। इसके साथ ही नई प्रक्रिया के तहत आवेदनकर्ता को भी आवेदन करने की सुविधा दे दी गई है।
ऑनलाइन आवेदन के लिए स्टेप्स-
ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करना पड़ेगा।
Step 1 – आधिकारिक वेबसाइट http://vaad.up.nic.in/ को अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर खोलें।

Step 2 – नामांतरण (दाखिल-ख़ारिज) हेतु “उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006” की “धारा 34” के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन के लिए क्लिक करें।

Step 3 – अब नए पेज पर लॉगिन करें, लिंक पर क्लिक करें।

Step 4 – अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिसमे अपना मोबाइल नंबर डालने के बाद एक ओ० टी० पी० आपके मोबाइल पर प्राप्त होगा।

Step 5 – ओ० टी० पी० और कैप्चा अंकित करने के बाद लॉगिन के बटन पर क्लिक करें।

Step 6 – अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिसमें जरूरी विवरण भरकर आप आसानी से आवेदन कर सकते हैं।
