महान सम्राट आशोक के अनमोल विचार

सम्राट अशोक, अशोक महान (Ashoka The Great) की गिनती भारत के महानतम सम्राटों में की जाती है।अशोक महान मौर्य राजवंश के भारत के महान सम्राट थे। अशोक जनता में बहुत लोकप्रिय थे। सम्राट अशोक का जन्म 304 ईसा पूर्व पटना के पाटलीपुत्र में हुआ था और उनकी मृत्यु 232 ईसा पूर्व में पाटलीपुत्र में ही हुई तब उनकी उम्र लगभग 72 साल की थी। सम्राट अशोक की माता का नाम कल्याणी और पिता का नाम बिन्दुसार था। Samrat Ashoka का साम्राज्य उस समय तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य माना जाता है।

कलिंग युद्ध में हुए विनाश को देखकर सम्राट अशोक का ह्रदय पसीज गया और वह धर्म और शान्ति की खोज में लग गए। इसी समय के दौरान अशोक ने बुद्ध धर्म को अपनाया और उसने अपने सम्राज्य के सभी लोगों को भलाई के कामों में लगा दिया। सम्राट अशोक का धर्म के प्रचार के लिए इतिहास में सबसे ज्यादा धर्म प्रचारक माना गया है। सम्राट अशोक सबसे ज्यादा नैतिक उपदेशों पर जोर देते थे और उन्होनो ने अपने उपदेशों को लोगों तक पहुँचाने के लिए लेखों का सहारा लिया। ये लेख पत्थरों और पर्वतों आदि पर लिखे गए। आइये हम इस महान सम्राट के कुछ अनमोल विचार जानते हैं।

नाम : अशोक मौर्य
जन्म : ३०४ ईसा पूर्व, पाटलिपुत्र, पटना
मृत्यु : २३२ ईसा पूर्व, पाटलिपुत्र, पटना
राष्ट्रीयता : भारतीय

अशोक महान के अनमोल विचार (Mahan Samrat Ashok Motivational Quotes in Hindi)

कथन १ : प्रेम की जीत सबसे महान होती है, ये किसी का भी दिल जीत सकती है ।
Quote 1 : The most noble victory is that of love, it wins the hearts of anyone.

कथन २ : अन्य सम्प्रदायों की निंदा करना निषेध है, सच्चा आस्तिक उन सम्प्रदायों में जो कुछ भी सम्मान देने योग्य है, उसे सम्मान देता है।
Quote 2 : It is forbidden to decry other sects; the true believer gives honour to whatever in them is worthy of honour.

कथन ३ : सभी इन्सान मेरे बच्चे हैं। जो मैं अपने बच्चों के लिए चाहता हूँ, मैं इस दुनिया में और इसके बाद भी उनका भला और ख़ुशी चाहता हूँ, वही मैं हर इंसान के लिए चाहता हूँ। आप नहीं समझते हैं कि किस हद तक मैं ऐसा चाहता हूँ, और अगर कुछ लोग समझते हैं, तो वे ये नहीं समझते कि मेरी इस इच्छा की पूरी हद क्या है।
Quote 3 : All men are my children. What I desire for my own children, and I desire their welfare and happiness both in this world and the next, that I desire for all men. You do not understand to what extent I desire this, and if some of you do understand, you do not understand the full extent of my desire.

कथन ४ : मैंने कुछ जानवरों और कई अन्य प्राणियों को मारने के खिलाफ कानून लागू किया है, लेकिन लोगों के बीच धर्म की सबसे बड़ी प्रगति जीवित प्राणियों को चोट न पहुंचाने और उन्हें मारने से बचने का उपदेश देने से आती है।
Quote 4 : I have enforced the law against killing certain animals and many others, but the greatest progress of righteousness among men comes from the exhortation in favor of non-injury to life and abstention from killing living beings.

कथन ५ : हर धर्म में प्रेम, करुणा और भलाई का पोषक कोर है। बाहरी खोल में अंतर है, लेकिन भीतरी सार को महत्त्व दीजिये और कोई विवाद नहीं होगा। किसी चीज को दोष मत दीजिये, हर धर्म के सार को महत्त्व दीजिये और तब वास्तविक शांति और सद्भाव आएगा।
Quote 5 : Every religion has the wholesome core of love, compassion and good will. The outer shell differs, but give importance to the inner essence and there will be no quarrel. Don’t condemn anything, give importance to the essence of every religion and there will be real peace and harmony.

कथन ६ : किसी को सिर्फ अपने धर्म का सम्मान और दूसरों के धर्म की निंदा नहीं करनी चाहिए।
Quote 6 : One should not honor only one’s own religion and condemn other religions.

कथन ७ : विभिन्न कारणों से अन्य धर्मों का सम्मान करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने धर्म को विकसित करने में मदद करते हैं और दुसरे धर्मों को भी सेवा प्रदान करते हैं।
Quote 7 : One should honor other religions for various reasons. By so doing one helps one’s own religion to grow and also renders service to the religions of others.

कथन ८ : चलिए हम सब सुनते हैं, और दूसरों के द्वारा बताये गए सिद्धांतों को सुनने के लिए तैयार रहते हैं।
Quote 8 : Let all listen and be willing to listen to the doctrines professed by others.

सम्राट अशोक की जीवनी

कथन ९ : वह जो अपने सम्प्रदाय की महिमा बढाने के इरादे से उसका आदर करता है और दूसरों के संप्रदाय को नीचा दिखाता है, ऐसे कृत्यों से वह अपने ही सम्प्रदाय को गंभीर चोट पहुंचता है।
Quote 9: He who does reverence to his own sect, while disparaging the sects of others with intent to enhance the glory of his own sect, by such conduct inflicts the severest injury on his own sect.

कथन १० : माता-पिता का सम्मान किया जाना चाहिए और बड़ों का भी, जीवित प्राणियों के प्रति दयालुता को मजबूत किया जाना चाहिए और सत्य बोला जाना चाहिए।
Quote 10: Father and mother should be respected and so should elders, kindness to living beings should be made strong and the truth should be spoken.

कथन ११ : लोकहित से बढकर और कोई दूसरा कर्म बढ़ा नहीं है।